Saturday, December 17, 2011

मोहब्बत.. !

क्या बताऊँ उन्हें खोने का गम कितना है...
कैसे दिखाऊं इस दिल में मोहब्बत कितना है...
लाखो अरमान मन में दवाकर,उन्हें जाने को कह दिया..
वो क्या जाने उनके जाने से ये दिल उदास कितना है...
रूठ गये हम, और वो मुह फेरकर चल दिए..
इस बात से हम उनसे कफा भी न रह सके...
काश उन्हें अंदाजा होता हमारे टूटे हुए इस मन का...
तब शायद वो समझते हमारे दिल का...
न वो इंतज़ार है न शिकायत, न हम उनसे कफा है...
टूटे हुए दिल की सिर्फ एक ही दुआ है...
हमे भी कोई ऐसा हमराह मिले...जिसे हम भी हमसफ़र कह सके...
जो छोड़ न जाये बीच रास्तें में...हर राही को उसकी मंजिल मिले...!

2 comments:

  1. nice shyari yaar hum toh aap ko yu ho samajh raha tha aap toh chupa rustam nikla.

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  2. Awesome girl....u r a very good poet

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