लोग मेरे अल्फाजो को समझते नहीं...
क्या हूँ मैं अभी इससे वो वाकिफ नहीं...
कर गुजरती हूँ वो जो लोग सोचते नहीं...
ये दिल आइना है फिर भी इसका कोई चेहरा नहीं...
कहने को पहेली नहीं...मैं इस दुनिया में अकेली नहीं....
बेखबर हूँ पर गुमनाम नहीं..इस मन में कोई खौफ नहीं..
नादान सही मैं, पर खामोश नहीं,क्यूंकि अब कोई उमंग नहीं ...
अतीत भूल आगे बढ़ी साथ सही है लोग वही पर फिर भी अब कोई आस नहीं...
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Great Said
ReplyDeleteawesome !!!!
ReplyDeletenice one
ReplyDelete